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लेखनी प्रतियोगिता -23-Jul-2022

आना है मुझको

दे दूं मैं अपना सब कुछ चाहे जो भी हो कीमत,
बस तुझको ही पाना है मुझको,

तुझे चाहना खता हैं तो, हो हजारों दफ़ा,
फिर भी बाज न आना है मुझको,

मंजिलों भी हासिल ना हो तुम अगर,
तुझ तक जाए वो राह ढूंढना है मुझको।

ख़्वाबों में मिलने का वादा ना को,
मेरी ख्वाहिश, तुझसे रूबरू होना है मुझको।

कहीं भी जाऊँ मैं लौटकर वापस,
पास तुम्हारे ही आना है मुझको।

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10 Comments

shweta soni

24-Jul-2022 09:32 PM

Nice 👍

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Khushbu

24-Jul-2022 02:50 PM

बहुत ही सुन्दर

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Seema Priyadarshini sahay

24-Jul-2022 12:54 PM

बेहतरीन रचना

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